दमा Asthma

संदर्भ :  दमा  Asthama शरीर की स्वास   नालियों में विकारो के भर जाने पर स्वास  लेने में दिक्कत होती है तथा खासी होने को  दमा  Asthama  कहते है ये एक श्लेष्मा रोग है जो की सर्दी जुकाम का बिगड़ा हुवा ही  एक रूप है आप जानते भी है की  दमा  Asthama  में स्वास  लेने में बड़ी दिक्कत होती है और एक दिन ऐसा आता है की स्वास  रूक ही जाता है इसकी अभी तक कोई दवा भी नहीं बनी है लेकिन प्राकृतिक चिकित्सा से दूर किया जा सकता है 

         Asthama  दमा   होने के कारण : स्वास नली मि दवाइयों से सुखाया हुवा कफ जो कमजोर पाचन क्रिया से पैदा होता है वो ही आगे जाकर  दमा  Asthama का रूप ले लेता है 

अयुक्ताहार विहार  जो शरीर ठीक से खाना पाचन नहीं कर पता अर्थार्थ पाचन किया कमजोर होने के करण भी कफ जैसी बीमारी जन्म ले लेती है 



कब्ज :  दमा  Asthama का मुख्य कारण कब्ज भी है जिनको अधिकतर कब्ज की शिकायत रहती है उनको भी एक समय में जाकर दमा  Asthama की भीमारी का सामना करना पड़  सकता है 


मानसिक तनाव :  डर  मानसिक तनाव और अधिक गुस्सा आने वालो की भी दमा  Asthama जैसी बीमारी हो जाती है 

खून में कमी :खून की कमी से  स्नायु मण्डल ( Nervous system ) दिल फेफड़ो आदि अंगो पर दबाव पड़ता है तो इस कारण से भी दमा Asthama रोग उत्तपन हो जाता है

तम्बाकू : बीड़ी सिगरेट तम्बाकू का सेवन करने से भी एक लम्बे समय में जाकर दमा Asthama से शरीर घिर जाता है

वंशवाद : दमा Asthama ये बीमारी वंशवाद भी हो जाती है कभी कभी अगर दमा Asthama वंशवाद भी हो जाती है

नजला खशी : दमा Asthama बीमारी नजला खांसी जुकाम में सम्भोग करने से भी ऐसी बीमारी जन्म ले लेती है



तुरंत आराम के लिए

1 >अगर कभी दमा Asthama में ज्यादा दिक्कत हो तो हाथ पैर गर्म पानी में रखने से तुरंत आराम मिल जाता है

2 > दमा Asthama के दौरे के दौरान जिस नक् से स्वास चल रहा हो उसे रुई से बंद करके दूसरी नाक से सास लेने की कोशिश करे अगर नाक से साँस लेने में कोई दिक्कत हो तो मुँह से साँस लेकर नाक से छोड़ने की कोशिश करे और और अगर नाक से साँस छोड़ने में भी दिक्कत हो तो तो मुँह से ही साँस छोड़े और गर्दन की धीरे धीरे मालिश करते रहे इससे मरीज को आराम मिलेगा

3 > दमा Asthama का दौरा कम करने के लिए छाती पर ठन्डे या गर्म पानी की पट्टी रख्खे छाती को गर्म सेक दे या छाती को गर्म और ठंडी सेक दे ऐसा करने से दमा Asthama में आराम मिलेगा और गर्म पट्टी से दस बीस मिन्ट्स या एक घंटा छाती को लपेट कर रखे

4 > मुलेठी को शौप के अर्क में पिशकर छानकर गुनगुने पानी में मिलाकर दौरे के समय मरीज को दे इससे आराम मिलेगा

5 > डोरा पड़ने पर बैठ जाये और पीठ और छाती की मालिश करे इससे तुरंत आराम मिलेगा

6 > दौरा कम करने के लिए गर्म पानी की भाप ले इससे भी मरीज को दमा Asthama में आराम मिलेगा

7 > गर्म पानी पिने से भी तुरंत आराम मिल जाता है अगर कभी दमा Asthama वाले मरीज को कोई दिक्कत हो तो आप उसे तेज गर्म पानी भी पीला दे तो आराम मिलेगा

8 > एक चम्मच अदरक रस में दो चम्मच शहद पिए तो इससे भी दमा Asthama में आराम मिलता है या आठ दस बून्द लहसुन रस दो चम्मच शहद को आधा ग्लाश गर्म पानी में मिलाकर मरीज को देने से दमा Asthama में तुरंत आराम मिलेगा

9 > दमा Asthama के लिए पीपल काला मुनक्का बीज निकलकर खजूर बिना गुठली के सबको बराबर मात्रा में मिलाकर पाउडर बना ले और घी में मिलाकर गोलिया बना ले दो से तीन या चार गोलिया दमा Asthama के दौरे के समय मरीज को दे




परमानेंट उपचार


भोजन > जैसी भी हालत हो उसी स्थिति में कुछ दिन सादा पानी या पानी में नीबू मिलकर पिए और साथ में सब्जी का शूप पिए या जूस पिए तीन से चार दिन ऐसा ही करे उसके बाद साथ में थोड़ा थोड़ा फल खाना स्टार्ट कर दे उसके बाद सब्जी तथा बूर या चोकर सहित रोटी शुरू करे और सब्जी में शलजम गाजर ठेठ सेम का रस मिलाकर सुबह श्याम दे शीरा खाना बहुत फायदेमंद है अरंड की गिरी का सेवन किया करे और फ्लो में सेब संतरा मुसम्बी पपीता अनानास अमरुद चीकू अंगूर आवला अनार जामुन बेल खजूर सूखे मेवे अंजीर मुनक्का किसमिश भिगोकर मरीज को दे और सब्जी में साग सब्जी लोकि टमाटर पालक अदरक धनिया तोरई परवल डिंडा बथुवा चौलाई मेथी बंदगोभी खीरा ककड़ी शलजम चुंकदर लहसुन सोंठ अंकुरित गेहू और मूग ही मरीज को दे



परहेज़ >

दमा Asthama वाले मरीज को चावल बिना चोकर आटा दूध दही तला हुवा भोजन मिर्च मशाले लाल मिर्च मांश मछली खट्टी चीजे केला आलू का परहेज करे

आवश्यक संकेत > कम खाये तथा श्याम का खाना सूर्य छिपने से पहले खाये सुध खुली हवा में रहे और ज्यादा से ज्यादा गर्म पानी पिए आराम करने की जरूरत है शारीरिक और मानशिक भी

सहयक उपाय > जो भी उपाय अपनाये सावधानी से अपनाये और ठीक से पढ़कर करे क्योकि ये आप की सेहत का मामला है इसी लिए समय से ही स्वाथ्य का ध्यान करे कोई भी लापरवाही न अपनाये और किसी भी बीमारी को शरीर में घुसने मत दे और अगर घुस भी जाये तो समय रहते अपनी बीमारी से पीछा छुड़ाए क्योकि

उदाहरण > आपकी आँख दुःख रही है कम दिख रहा हो या खुजली आ रही हो या लाल हो रही हो आप सभी का उपचार करा कर ठीक कर सकते है और आँख फुट गई तो तो फिर चाहे कितनी भी दवाई या उपचार कराये आँख से कुछ नहीं दिखेगा इसी लिए समय से ही उपचार किया जाता है

GOOD LUCK

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